भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2021

भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2021

भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2021

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने 13 जनवरी, 2022 को भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) द्वारा तैयार भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2021’ जारी की। इसके प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं-

  • वनों की तीन श्रेणियों का सर्वेक्षण किया गया है जिनमें शामिल हैं- अत्यधिक सघन वन (70% से अधिक चंदवा घनत्व), मध्यम सघन वन (40.70%) और खुले वन (10.40%)
  •   स्क्रबस (चंदवा घनत्व 10% से कम) का भी सर्वेक्षण किया गया, लेकिन उन्हें वनों के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया।
  •  देश का कुल वन और वृक्ष आवरण 80.9 मिलियन हेक्टेयर है। यह देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 24.62% है। इसमें वनावरण क्षेत्र 21.71%, जबकि वृक्षावरण क्षेत्र लगभग 2.91% है।
  • वर्ष 2019 के आकलन की तुलना में देश के कुल वन और वृक्षों से भरे क्षेत्र में 2,261 वर्ग किमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसमें से वनावरण में 1,540 वर्ग किमी और वृक्षों से भरे क्षेत्र में 721 वर्ग किमी की वृद्धि पाई गई है।
  • वर्ष 2021 के मौजूदा मूल्यांकन से पता चलता है कि 17 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों का 33 प्रतिशत से अधिक भौगोलिक क्षेत्र वनों से पटा हुआ है।
  •  वन क्षेत्र में सर्वाधिक वृद्धि दर्शाने वाले शीर्ष तीन राज्य आंध्र प्रदेश (647 वर्ग किमी), तेलांगना (632 वर्ग किमी) तथा ओडिशा (537 वर्ग किमी) हैं।
  • क्षेत्रफल की दृष्टि से सर्वाधिक वन क्षेत्र वाला राज्य मध्य प्रदेश है। इसके बाद क्रमशः अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा तथा महाराष्ट्र हैं।
  • कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में वनाच्छादन के मामले में, शीर्ष पाँच राज्य- मिजोरम (84.53%), अरुणाचल प्रदेश (79.33%), मेघालय (76.00%), मणिपुर (74.34%) और नगालैंड (73.90%) हैं।
  • लक्षद्वीप, मिजोरम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में 75% से अधिक क्षेत्र वनाच्छादित है।
  • .           12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, गोवा, केरल, सिक्किम, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव, असम, ओडिशा में वन क्षेत्र 33 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच है।
  • मैंग्रोव वन की स्थिति
  •  देश में कुल मैंग्रोव आच्छादन 4992 वर्ग किमी है। वर्ष 2019 के पिछले आकलन की तुलना में मैंग्रोव आच्छादन में 17 वर्ग किमी की वृद्धि दर्ज की गई है।
  •  सर्वाधिक मैंग्रोव वन क्षेत्र वाला राज्य पश्चिम बंगाल (42.33%) है। इसके बाद सर्वाधिक मैंग्रोव वन क्षेत्र क्रमशः गुजरात (23.54%), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (12.34%) तथा आंध्र प्रदेश (8.11%) में है।
  • मैंग्रोव आच्छादन में वृद्धि दर्शाने वाले शीर्ष तीन राज्य हैं- ओडिशा (8 वर्ग किमी), महाराष्ट्र (4 वर्ग किमी) तथा कर्नाटक (3 वर्ग किमी)।

कार्बन स्टॉक

  •  देश के वनों में वर्ष 2019 के अंतिम आकलन की तुलना में देश के कार्बन स्टॉक में 79.4 मिलियन टन की वृद्धि हुई है। वर्तमान में कार्बन स्टॉक 7204 मिलियन टन अनुमानित है। कार्बन स्टॉक में वार्षिक वृद्धि 39.7 मिलियन टन है।
  •  वन क्षेत्र बड़ी मात्र में वातावरण से कार्बन डाईऑक्साइड का अवशोषण करते हैं। अतः वन में कार्बनिक या अकार्बनिक रूप में जो कार्बन मौजूद होता है, उसे ही कार्बन स्टॉक कहा जाता है।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • बाँस वन क्षेत्रः बाँस की संख्या 13,882 से बढ़कर वर्ष 2021 में 53,336 बाँस हो गई है।
  • रिपोर्ट में बाघ संरक्षित क्षेत्रें व गलियारों और एशियाई शेर के निवास गिर वन में वनावरण का पहली बार मूल्यांकन किया गया है।
  •  बाघ गलियारों में वनावरण में 37.15 वर्ग किमी की दशकीय वृद्धि हुई है, लेकिन इस दौरान बाघ अभयारण्यों के वन क्षेत्र में 22.6 वर्ग किमी की कमी आई है।
  • पिछले 10 वर्षों के दौरान 20 बाघ संरक्षित वन क्षेत्रें में वृद्धि हुई है, जबकि 32 संरक्षित क्षेत्रें में कमी आई है।
  • बुक्सा (पश्चिम बंगाल), अनामलाई (तमिलनाडु) तथा इंद्रावती बाघ संरक्षित क्षेत्रों (छत्तीसगढ़) में वनावरण में वृद्धि हुई है, जबकि सर्वाधिक वन क्षेत्र का ह्रास कवल, भद्रा तथा सुंदरवन संरक्षित क्षेत्रों में दर्ज किया गया है।
  • सर्वाधिक वनावरण (97%) अरुणाचल प्रदेश के पक्के बाघ संरक्षित क्षेत्र में है। नवीनतम रिपोर्ट में वनावरण में दशकीय वृद्धि से संबंधित अध्याय को भी शामिल किया गया है।
  • वनावरण में वृद्धि सभी प्रकार के वनों के लिए भिन्न-भिन्न है । अत्यधिक घने क्षेत्रों (एसएसी), इसरो, अहमदाबाद के सहयोग से सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) डेटा के एल-बैंड का उपयोग करते हुए अखिल भारतीय स्तर पर जमीन से ऊपर बायोमास (एजीबी) के आकलन के लिए एक विशेष अध्ययन शुरू किया।

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